झारखंड

पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं ग्रामीण,सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना विफल — जल स्रोतों से जल के लिए बूंद- बूंद को तरस रहे हैं ग्रामीण

बरकट्ठा:- प्रखंड क्षेत्र के शिलाड़ीह पंचायत अंतर्गत बनवारी के मरहनियां गढ़ा टोला में लगभग 70 परिवार निवास करती है,जहां 4 कुआं जलविहिन, एक सरकारी चापानल 4 वर्ष से खराब, एक जल मीनार 2022 में लगाया गया वह भी बेकार पड़ा है। स्थानीय ग्रामीण साजदा खातून ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से चपाकल खराब है और नल जल योजना के तहत लगाया गया जलमीनर बंद पड़ा है।यहॉ के सभी कुआं में पानी सूख गया है। एक कुआं पूरी तरह से धस गया है। वहीं एक में थोड़ी सी पानी है जो गंदी हो गई है। वही गंदे पानी पीने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं। स्थानीय निवासी रहीम मियां ने बताया कि हम लोग कई बार इसके लिए अधिकारियों को तथा स्थानीय जन प्रतिनिधियों को सूचना दे चुके हैं कि हम लोगों को पानी से संबंधित काफी समस्या हो रही है, लेकिन अभी तक समस्या का कुछ भी समाधान नहीं हुआ है।बताते चलें की इस गांव में ना तो पीने का साफ पानी है और ना ही लोगों को इसकी कोई सुविधा मिल रही है। यह स्थिति कमोबेश पूरे बरकट्ठा क्षेत्र का है। जहां भी नल जल योजना के तहत नल लगाया गया है अधिकांश जगह खराब हो चुके हैं। बहुत सारे जगह केवल जलमीनर खड़ा कर दिया गया है और बोरिंग नहीं हुआ है। इस भीषण गर्मी में गिरते भूजल स्तर ने हालात को और खराब कर दिया है। लोग पानी के लिए जूझ रहे हैं। स्थानीय पंसस प्रतिनिधि शमीम अंसारी ने कहा कि इस गांव की समस्या को लेकर कई बार सोशल मीडिया पर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है।मैं सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द इस गांव के जल मीनार को बनाया जाए तथा बंद पड़े चापाकल को भी चालू किया जाए। मौके पर सफीना खातून, रोजनी खातून, अफसाना खातून, मेमन खातून, साजदा खातून,शाहिदा खातून, रहीम मियां, जुमराती मियां,सुकर मियां, सरफुद्दीन अंसारी के अलावे कई लोग उपस्थित थे।

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