झारखंड

ट्रेक्टर और टेंपू की भिड़ंत में पति-पत्नी की मौत –परिजनों ने सड़क पर शव रख किया विरोध प्रदर्शन, बालू गाड़ी को बंद कराने की मांग

बरकट्ठा-चलकुशा मार्ग 8 घंटे तक जाम, आश्वाशन के बाद हटा जाम

 

बालू माफियाओं के द्वारा नदी और कई जगहों पर बालू डंप कर रख दी जाती हैं। जिसके बाद बालू माफियाओं के द्वारा बालू को ट्रेक्टर में लोड कर इचाक और हजारीबाग समेत कई जगहों पर भेज दी जाती है। जहां मोटे पैसे मिलते है । इस संबध में एक ट्रेक्टर मालिक ने नाम न छापने पर शर्त पर कहा कि बालू माफियाओं के द्वारा प्रति ट्रेक्टर पांच सौ की राशि ली जाती है। पूछने बार कहते हैं तो थाना से लेकर अंचल तक मैनेज करना पड़ता है।

 

—पांच थानों से गुजरती है अवैध बालु लदी गाड़ियां, नहीं पड़ती पुलिस की नजर

 

नदियों से अवैध बालू का खनन और कालाबाजारी के इस काले धंधे में सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि अवैध बालू का खेप लेकर चलकुशा से दर्जनों ओवरलोड ट्रैक्टर हजारीबाग जिले के पांच थानों से होकर गुजरती है और हजारीबाग, इचाक तक पहुंचती है। बावजूद न तो पेट्रोलिंग पार्टी और न ही खनन टास्क फोर्स या जिला खनन कार्यालय के अलावा डीटीओ कार्यालय के किसी अधिकारियों की नजर इन गाड़ियों पर नहीं पड़ती है। हां रात को हजारीबाग से चलकुशा या चलकूसा से हजारीबाग जाने वाले आम लोगों को अवैध बालु ट्रेक्टरों का सामना जरूर होता है।

 

 

–आठ घंटे के बाद जाम हुआ समाप्त

 

पति- पत्नी की मौत के बाद परिजनों द्वारा आठ घंटे तक सड़क जाम किया गया।जहॉ वे मुआवजा को लेकर अड़े थे। घटना की सूचना मिलते ही चलकुशा प्रशासन पहुंचकर काफी समझाया। जिसके बाद ट्रेक्टर मालिक के द्वारा तीन लाख का मुआवजा समेत सरकारी मदद का भरोसा दिलाया। जिसके बाद सड़क जाम हटाया गया। सड़क जाम सुबह 4 बजे से करीब दोपहर 12 तक रहा।

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