झारखंड

विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की प्रतिमा सज धज कर तैयार, बाजार में मूर्तियों के अलग-अलग मूल्य

 

बरकट्ठा:- प्रखंड क्षेत्र में सरस्वती पूजा के मद्देनजर मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लग गए हैं।बरकट्ठा के कलाकार ने बेलकपी,बरकट्ठा धर्मशाला, बाजार रोड ,चौथा स्कूल में डेरा जमा लिए हैं। मूर्तिकार मिट्टी की प्रतिमाओं में जान फूंक रहे हैं। इस बार 3 फरवरी 2025 सोमवार को मां सरस्वती की पूजा प्रखंड क्षेत्र में की जाएगी। पूजा कमेटी के सदस्य जहां पंडाल बनाने में जुट गए हैं वहीं मूर्तिकार भी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। बरकट्ठा के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय समेत वरवां, सलैया, बेडोकला, गैडा, शिलाड़ीह, गोरहर, बेलकपी, चेचकपी, बरकट्ठाडीह, डाकडीह, घंघरी सहित 20 से अधिक स्थानों पर पंडाल बनाकर पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा के दौरान सबसे ज्यादा उत्साह विद्यार्थियों में देखा जाता है।इस निमित प्रशासन भी मुस्तैद है ।विदित हो कि बहुत सी प्रतिमाएं तैयार हो गई है और जो तैयार नहीं हुआ है उन पर काम चल रहा है। बरकट्ठा में मुख्य रूप से बेलकपी और बरकट्ठा धर्मशाला में प्रतिमाएं बनते हैं। आकार व सजावट के अनुसार मूर्तिकार मूर्तियों की कीमत लेते हैं। इस वर्ष मूर्ति की कीमत 1200 से लेकर 5000 तक है। बेलकपी के कलाकार विनोद प्रजापति पिता महेंद्र प्रजापति ने बताया कि पिछले पांच सालों से हम लोग यहां मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं। दिसंबर माह से ही मूर्ति बनाने का कार्य शुरू कर देते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा मूर्ति बनाई जा सके और समय पर मूर्ति उपलब्ध हो सके। मूर्तियों की बनावट के अनुसार उनका मूल्य निर्धारण किया जाता है।

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