भारत जकात मांझी परगना महल बरकट्ठा के सदस्यों के द्वारा पत्रकारों को किया गया सम्मानित

बरकट्ठा:- भारत जकात मांझी परगना महल के अध्यक्ष राम जी बेसरा, सचिव मनोज मुर्मू ,कोषाध्यक्ष सुनील मुर्मू समेत अन्य सदस्यों के द्वारा रविवार को बरकट्ठा के पत्रकारों के लिए सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने समाचार संकलन के लिए उपहार स्वरूप बैग एवं पानी बोतल भेंट किया।वहीं बातचीत में अध्यक्ष रामजी बेसरा ने कहा कि आगामी 30 मार्च को सूरजकुंड धाम में सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है ।जिसमें झारखंड के पांच मंत्री शामिल होंगे और कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए आदिवासी कलाकार स्टीफन टुडू आ रहे हैं जिनका संगीत में कार्यक्रम होगा। कहा कि भारत जकात मांझी परगना महल पिछले 6 वर्षों से लगातार क्षेत्र के समस्या को लेकर सरकार से मिल समस्या का समाधान करने में लगे हुए हैं। वहीं आदिवासियों के उत्थान करने में परगना महाल अपनी महती भूमिका निभा रही है। वही सचिव मनोज मुर्मू ने कहा कि पत्रकार हमारे समाज के आईना है। ये लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ हैं इनका सम्मान कर हमें भी आनंद आता है ।वहीं मुख्य रूप से पत्रकार रेयाज खान, गोपाल प्रसाद, रामकृष्ण पांडेय, ईश्वर यादव सुनील कुमार, पंकज कुमार,परमानंद पांडेय, सहबाज खान, श्याम किशोर पांडेय, अजीत कुमार, बिक्रम कुमार, अजय कुमार, पियूष पांडेय, सुजीत कुमार, संतोष पांडेय, साहेबराम सोरेन, विक्रम कुमार, सुजीत कुमार उपस्थित थे। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष राम जी बेसरा ने कहा भारत जकात माझी परगना महाल पिछले 6 वर्षों से लगातार क्षेत्र के समस्या को लेकर सरकार से मिलकर समस्या का समाधान करने में लगे हुए हैं। वहीं आदिवासियों का उत्थान करने में काफी सहयोग कर रही है।समस्या के समाधान में पत्रकारों का भी अहम योगदान है। इसलिए सभी पत्रकार बधाई के पात्र हैं । वहीं सचिव मनोज मुर्मू ने कहा की पत्रकार कलम के सिपाही होते हैं और आप लोग के सहयोग से ही आदिवासियों का बरकट्ठा क्षेत्र में धीरे-धीरे उत्थान हो रहा है।हम लोग मंत्रियों से मिलकर क्षेत्र में कई विकास कार्य करवाए हैं।आगामी 30 मार्च को सूरजकुंड धाम में सरहुल का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें कई मंत्रियों के आगमन होने की सूचना है, और रात में सांस्कृतिक प्रोग्राम है।आप सब भी इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं मौके पर भारत जकात मांझी परगना महल के सदस्यों चेतलाल हंसदा, महेंद्र मुर्मू , बासुदेव मारंडी, मोहन बेसरा, बोधराम हंसदा के अलावा कई लोग उपस्थित थे।